प्रिंट रेट से ज्यादा में बेची जा रही शराब,जिला प्रशासन मौन,बना मूकदर्शक
उपमुख्यमंत्री का है गृह जिला
ठेकेदार लाला राल्ही कर रहा खुलेआम लूट, शासन प्रशासन को दे रहा खुला चैलेंज
भाजपा की मोहन सरकार भले ही सुशासन के लाख दावे करे,पर यह सब दिखावा प्रतीत हो रहा है।प्रदेश में खुली लूट मची है लेकिन शासन प्रशासन नाम की चीज नहीं बची है।जनता की जेब में खुली डकैती डाली जा रही है।ऐसा लगता है कि शराब का कारोबार करने वाले शोम ग्रुप को न तो कानून का भय है न ही शासन प्रशासन का।जिले का आबकारी विभाग शराब कारोबारियों और शोम ग्रुप के आगे नतमस्तक है।
जिले के मनगवां क्रमांक 2 में शराब की दुकानों में खुले आम प्रिंट रेट से ज्यादा रेट पर शराब बेची जा रही है।ग्राहकों के विरोध करने पर धमकी भी दी जाती है।मामला जिले के मनगवां का है जो कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री का गृह जिला है।पूरे जिले के साथ साथ मनगवां में शराब ठेकेदार लाला राल्ही का तांडव मचा हुआ है।शराब ठेकेदार लाला राल्ही ने प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने का नियम बना दिया है। 170 की बीयर 250 में,80 की जीनियस 150 में,70 की मसाला 130 में खुलेआम बेची जा रही है।विरोध करने पर ठेकेदार के गुर्गे धमकी देते है और ग्राहकों से मारपीट भी करते हैं।आबकारी विभाग की मिली भगत से शराब कारोबारी शोम ग्रुप और ठेकेदार लाला राल्ही खुलेआम जनता को लूट रहा है। इतना ही नहीं मदिरा प्रेमियों की जेब में खुलेआम डकैती डाल रहा है।
पत्रकार द्वारा जब शराब की दुकान में शराब बेंच रहे सेल्स मैंन से लूट का कारण पूछा गया तो सेल्स मैन ने पत्रकार को खुली चुनौती दी कि जो करना हो कर लो। दर असल यह चुनौती एक पत्रकार को नहीं बल्कि पूरे सिस्टम,कानून और सीधे सरकार को है।क्योंकि लूट और डकैती रोकने का दायित्व, सरकार , कानून और प्रशासन का होता है।लेकिन आबकारी विभाग के संरक्षण में मनगवा क्रमांक 2 मे सरकार , कानून और प्रशासन को खुला चैलेंज दिया जा रहा है। मनगवा कंपोजिट शराब दुकानों में खुलेआम दुगुने , तिगुने रेट पर शराब बेची जा रही है।जबकि नियमानुसार शराब प्रिंट रेट पर ही बेचने का प्रावधान है।लेकिन रीवा जिले के आबकारी विभाग की मिलीभगत और प्रशासन की उदासीनता के चलते यहां शराब की दुकानों में खुलेआम लूट मची हुई है,किंतु जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।