लोकसभा में गरजे राजनाथ सिंह - 'ऑपरेशन सिंदूर' बस रुका है, पाकिस्तान ने छेड़ा तो फिर होगा

 


rajnath singh if attacks are made then operation sindoor will start again

संसद में दोपहर दो बजे फिर से मॉनसून सत्र की कार्यवाही शुरु हो गई है। दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के साथ शुरु हुई। इस चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।

नेशनल डेस्क: संसद में दोपहर दो बजे फिर से मॉनसून सत्र की कार्यवाही शुरु हो गई है। दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के साथ शुरु हुई। इस चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत ने यह सैन्य कार्रवाई किसी के दबाव में आकर नहीं रोकी, बल्कि अपने सभी तय लक्ष्यों को हासिल करने के बाद ही इसे विराम दिया गया था। राजनाथ सिंह के इस बयान से पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर कड़ा संदेश गया है।

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'ऑपरेशन सिंदूर' का उद्देश्य-

राजनाथ सिंह ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू करने का मुख्य मकसद पाकिस्तान में वर्षों से पल रहे आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से खत्म करना था। भारतीय सेनाओं ने सिर्फ उन्हीं जगहों और लोगों को निशाना बनाया जो आतंकियों को लगातार मदद दे रहे थे और भारत पर हमला करने में शामिल थे। उनका यह भी कहना था कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान के साथ युद्ध छेड़ना बिल्कुल नहीं था, बल्कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना था।

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राजनाथ सिंह के मुताबिक 10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की एयरफील्ड्स पर जबरदस्त हमला किया, तब पाकिस्तान ने अपनी हार मान ली। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई। राजनाथ सिंह ने कहा, "पाकिस्तान ने हमारे डीजीएमओ से बात की और कहा कि महाराज अब रोकिए।"

भारत ने इस अपील को इस शर्त पर स्वीकार किया कि यह ऑपरेशन केवल अस्थायी रूप से रोका गया है। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में पाकिस्तान की तरफ से कोई भी आतंकी गतिविधि होती है, तो यह ऑपरेशन दोबारा शुरू कर दिया जाएगा।

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पाकिस्तान की सैन्य और मनोबल दोनों की हार

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की यह हार केवल एक सामान्य विफलता नहीं थी, बल्कि यह उसके सैन्य बल और मनोबल, दोनों की करारी हार थी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से बातचीत कर कार्रवाई रोकने की अपील की थी और दोनों देशों के बीच संवाद के बाद ही भारत ने इसे रोकने का फैसला लिया। राजनाथ सिंह ने गर्व से कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेनाओं के अदम्य शौर्य और पराक्रम को 140 करोड़ भारतीयों ने देखा।

 

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