जन भारत संदेश-अप्रैल-16-2020 भोपाल । सरकारी कॉलेजों से निकाले गए अतिथि विद्वानों का धरना राजधानी के शाहजहांनी पार्क में जारी है। वे पिछले पांच महीने से नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। अतिथि विद्वानों ने आरोप लगाया है कि शहडोल के बुढ़ार में अतिथि क्रीड़ा अधिकारी अजय त्रिपाठी ने आर्थिक तंगी के कारण खुदकशी कर ली है। त्रिपाठी कॉलेज से नौकरी जाने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
अतिथि विद्वान महासंघ के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने बताया कि लोक सेवा आयोग से चयनित नियमित क्रीड़ा अधिकारी का पदभार संभालने पर त्रिपाठी को दिसंबर 2019 में नौकरी से निकाल दिया गया था। उन पर परिवार की जिम्मेदारी थी और आय का स्रोत एक मात्र कॉलेज की नौकरी थी। लेकिन वो नौकरी भी चले जाने से वे बेहद परेशान थे। लंबे समय से मानदेय भी नहीं मिला है। इन्हीं सभी वजहों से परेशान होकर उन्होंने रविवार को फांसी लगाकर खुदकशी कर ली।
डॉ. सिंह ने बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि विद्वानों के हक में भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। उसके बाद कांग्रेस की सरकार चली गई। अब प्रदेश के मुखिया की कमान शिवराज सिंह चौहान ने संभाली है। चौहान अतिथि विद्वानों के संघर्ष से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उन्हें जल्द से जल्द अतिथि विद्वानों को नियमित कर देना चाहिए। जिससे त्रिपाठी की तरह किसी और अतिथि विद्वान को खुदकशी जैसा कदम उठाने से रोका जा सके।