मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे राज्य के मजदूरों को वापस लाएगी. इसके लिए शिवराज सिंह चौहान ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात भी की है. मजदूरों के बारे में जल्द जानकारी जुटाने का काम शुरू किया जाएगा.
- मध्य प्रदेश के मजदूरों को वापस लाएगी राज्य सरकार
- लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए किया बड़ा फैसला
- राज्य में फंसे मजदूरों को मिलेगी लौटने की अनुमति
लॉकडाउन में देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे अपने मजदूरों के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों को सरकार मध्यप्रदेश वापस लाएगी. शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है.
इसके लिए जल्द ही मजदूरों की जानकारी जुटाने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी. अन्य राज्यों से मजदूर प्रदेश वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से चर्चा भी की है. सभी मुख्यमंत्रियों ने शिवराज सिंह चौहान को अपने-अपने राज्य की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है.
सरकार अन्य प्रदेशों में फंसे व्यक्तियों को लाने के लिए उनके परिवारजनों को मध्यप्रदेश से जाने की अनुमति भी देगी. इसी के साथ मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों के फंसे हुए मजदूरों को भी उनके प्रदेशों में जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी.
सिर्फ अन्य प्रदेश ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में ही एक जिले के दूसरे जिले में फंसे मजदूर भी अपने जिलों को लौट सकेंगे. इस संबंध में जल्द ही सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश जारी जाएंगे.
दौर से आना-जाना रहेगा प्रतिबंधित
हालांकि इस फैसले से इंदौर ज़िले में फंसे या इंदौर के रहने वाले ऐसे मजदूर जो अन्य ज़िले या अन्य प्रदेश में फंसे है या मध्यप्रदेश के अलग-अलग संक्रमित क्षेत्रों फंसे है उनको राहत नहीं मिलेगी.
सरकार ने तय किया है कि मध्यप्रदेश के सभी संक्रमित क्षेत्रों और इंदौर जिले से किसी भी मजदूर को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि इससे संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहेगा.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा
फैसल की जानकारी देते हुए सीएम शिवराज ने बताया कि यह कार्य पूरी सावधानी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया जाएगा. राज्य और जिले की सीमाओं पर वापस लौटने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण की पूरी व्यवस्था की जाएगी.