रीवा। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मॉडल बने रीवा के अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट के नाम एक और उपलब्धि जुडऩे जा रही है। इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत करने की तैयारी की गई है। वर्ष 2019-20 के प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए इस प्रोजेक्ट को चयनित किया गया है। प्रोजेक्ट से जुड़े प्रमुख अधिकारियों को दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में बुलाया गया है।
यह पुरस्कार सिविल सर्विसेज डे के अवसर आगामी 21 अप्रेल को दिया जाएगा। उसी दिन सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की जाएगी और प्रदेश सरकार के अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा। 750 मेगावॉट क्षमता के इस सोलर पॉवर प्लांट का अब तक आधिकारिक रूप से लोकार्पण नहीं हुआ है। जबकि इसमें करीब एक वर्ष पहले से ही बिजली का उत्पादन प्रारंभ हो गया है। बीते 3 जनवरी 2020 से इसकी तीनों इकाइयों में क्षमता के अनुरूप बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
- पहले भी सरकार मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में पेश कर चुकी है
रीवा के अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट का नाम पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर नहीं आ रही है। इसके पहले कई ऐसे अवसर आए हैं जब इस प्रोजेक्ट को सरकार ने मॉडल के रूप में पेश किया है। वर्ष २०१८ में आयोजित इंटरनेशनल सोलर समिट में भारत सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में पेश किया गया था। जिसमें दुनिया के कई देशों ने इसी के आधार पर अपने यहां भी सोलर पॉवर प्लांट विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ महीने पहले ही यहां पर १३ देशों के प्रतिनिधि के रूप में शोधार्थी आए थे। मध्यप्रदेश की सरकार की ओर से दो बार इसका उल्लेख विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में कराया गया है।
- कोरोना के चलते तिथि आगे बढऩे की संभावना
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरे देश में फिलहाल 14 अप्रेल तक लॉकडाउन है। जिस गति से लगातार कोरोना पाजिटिव के मरीज सामने आ रहे हैं। उससे माना जा रहा है कि यदि स्थितियां सामान्य नहीं हुई तो २१ अप्रेल को आयोजित होने वाला कार्यक्रम स्थगित कर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि सरकार ने सार्वजनिक कार्यक्रमों को पहले से ही रोक रखा है और सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है।
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सोलर पॉवर प्लांट को प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। सिविल सर्विसेज डे के दिन पुरस्कार प्रस्तावित है। कोरोना की वजह से सरकार तिथि में संशोधन कर सकती है लेकिन अभी कोई निर्देश नहीं आया है।
एसएस गौतम, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी रीवा
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सोलर पॉवर प्लांट में गांवों से आने वाले कर्मचारियों को अवकाश पर भेजा
रीवा। अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट में भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खौफ नजर आने लगा है। यहां पर स्थित तीन इकाइयों में बिजली का उत्पादन तो बंद नहीं हुआ है लेकिन कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई है। कंपनियों में आसपास के गांवों के बड़ी संख्या में कर्मचारी और श्रमिक काम करते हैं, जिसमें से इनदिनों अधिकांश को रोक दिया गया है। प्लांट परिसर में बनाए गए आवासों में जो कर्मचारी हैं, वही सुरक्षा एवं बिजली उत्पादन के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
बताया गया है कि बिजली उत्पादन को अत्यावश्यक सेवा की श्रेणी में रखा गया है, इसलिए लॉकडाउन के बावजूद बिजली उत्पादन नहीं रोका गया है। इस प्लांट में गुढ़, बदवार, मनिकवार आदि क्षेत्रों के हर दिन सैकड़ों की संख्या में श्रमिक काम के लिए पहुंचते रहे हैं। वहीं समीपी जिले सीधी के बडख़रा, मोहनिया, गनौड़, भेल्की, बड़ोखर, कोष्टा, ममदर, मल्देवा आदि से भी हर दिन श्रमिक एवं सुरक्षा व्यवस्था में लगे कर्मचारी आते रहे हैं। जिसमें से अधिकांश को छुट्टी पर भेजा गया है और कहा गया है कि वह अपने घरों के भीतर ही रहें। प्लांट परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों की हर दिन स्क्रीनिंग की जा रही है। कुछ कर्मचारियों की सेहत ठीक नहीं होने के चलते उन्हें घर पर ही विश्राम के लिए कहा गया है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के कार्यपालन यंत्री एसएस गौतम बताते हैं कि बिजली उत्पाद अत्यावश्यक सेवा में शामिल होने के चलते पहले की तरह ही बिजली तैयार हो रही है। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के तहत हर दिन कर्मचारियों के स्वास्थ्य का परीक्षण के लिए कंपनियों को निर्देश जारी किया है।