MP Police Recruitment Examination : भोपाल। जन भारत संदेश। उप निरीक्षक स्तर के 1500 और सिपाही स्तर के 15 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती पर विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस मुख्यालय यह भर्ती खुद कराने पर अड़ गया है। इसके लिए प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेज दिया है। जबकि उम्मीदवार हर बार की तरह इस बार भी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) से भर्ती कराने की मांग कर रहे हैं।
कई छात्र संगठनों ने इस मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपे हैं। यह भर्ती प्रक्रिया अप्रैल से शुरू होनी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से टल गई थी। अब लॉकडाउन में रियायतों के बाद यह प्रक्रिया फिर शुरू होगी। यह भर्ती प्रक्रिया प्रदेश में करीब तीन साल बाद हो रही है। प्रदेश में आखिरी बार पुलिस की भर्ती साल 2017 में हुई थी।
तब से किसी न किसी कारण से यह भर्ती प्रक्रिया टलती रही। इस साल जनवरी में उप निरीक्षक के डेढ़ हजार और सिपाही के पंद्रह हजार पदों पर भर्ती की पूरी तैयारी हो गई थी। यह भर्ती हर बार की तरह इस बार भी पीईबी से होनी थी, लेकिन इसी बीच पुलिस मुख्यालय की चयन शाखा ने भर्ती नियम बनाकर यह परीक्षा खुद ही कराने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया है।
हालांकि जब तक राज्य शासन इस संबंध में कोई निर्णय लेता तब तक कोरोना का संक्रमण फैल गया और लॉकडाउन की वजह से पूरी प्रक्रिया एक बार फिर अधर में लटक गई। अब लॉकडाउन में रियायतें मिलने के साथ ही इस प्रस्ताव पर फिर कार्यवाही शुरू होने के आसार हैं। भर्ती परीक्षा जल्द हो सके इसके लिए मप्र युवा बेरोजगार संघ आगे आया है।
संघ के दिनेश चौहान, रवींद्र सिंह परिहार, रजनीश पांडे ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन भेजा है। इसमें उन्होंने मांग की है कि परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जानी चाहिए। परीक्षा पीईबी को ही लेनी चाहिए।
पिछले तीन साल से भर्ती नहीं होने की वजह से कई युवा अधिकतम आयु पार कर गए है। लिहाजा अधिकतम आयु बढ़ाकर 37 साल की जानी चाहिए। वहीं इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में चयन शाखा के एडीजी संजीव शमी से संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होनें इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया