प्रायमरी के बच्चों को न बुलाएं स्कूल, सितंबर से लगाएं 6वीं से 12वीं तक की कक्षाएं

भोपाल (जन भारत संदेश)। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को जब तक कोरोना महामारी की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक उनकी कक्षाएं नहीं लगाई जाएं। वहीं छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं सितंबर से शुरू की जाएं। प्रायमरी कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन ही पूरी कराई जाए। स्कूलों में प्रत्येक कक्षा में 30 फीसदी बच्चों को दो दिन गैप कर बुलाया जाए। उन्हें होमवर्क ज्यादा से ज्यादा दिया जाए। वहीं अभिभावकों को अपने बच्चे का स्वस्थ होने का घोषणा पत्र देना है।


कुछ इस तरह के गाइडलाइन मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तैयार किया है। इसे आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपाकर पालन कराने की अनुशंसा की है। आयोग ने स्कूल प्रबंधन, शिक्षक, यातायात, बच्चे और अभिभावक सभी के लिए गाइडलाइन तैयार की है।


स्कूलों में जागरूकता एवं बचाव समिति का गठन हो


स्कूलों में कोविड-19 संक्रमण जागरूकता एवं बचाव समिति का गठन किया जाए। इसमें शिक्षक एवं विद्यार्थी को शामिल किया जाए। और इसकी सूचना जिला शिक्षा अधिकारी को भी दें। सूचना पटल पर समिति के सदस्यों के नाम चस्पा किया जाए। इस समिति का मुख्य कार्य विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण के फैलने एवं बचाव के लिए निर्देश व गतिविधियों का संचालन किया जाए।


स्कूल प्रशासन के लिए कार्य प्रणाली



- स्कूल को सैनिटाइज किया जाए।


- पीने का पानी व हाथ धोने का पानी की समुचित व्यवस्था हो।


- प्रत्येक कालखंड के बाद हाथ धोने की व्यवस्था हो।


- बच्चों के बीच बैठने की छह फीट की दूरी हो।


- विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण से संबंधित जागरूक करें।


- स्कूल का शौचालय साफ-सुथरा हो, जिसकी सफाई दो-तीन बार होनी चाहिए।


- यूनिफार्म, जूते-मोजे अनिवार्य नहीं होना चाहिए, जिससे विद्यार्थी धुले कपड़े एवं सामान्य जूते-चप्पल पहनकर उपस्थित हो सके।


- महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई स्कूल में हो, अन्य विषय क होमवर्क दें।


- बच्चों की संख्या के आधार पर दो पाली में भी स्कूल लगा सकते हैं।


- मुख्य गेट पर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाए और हैंड सैनिटाइज कराया जाए।


- स्कूल में सभी लंच अपने स्थान पर ही करें। लंच से पहले हैंड वॉश अनिवार्य हो।


- प्रतिदिन बस या स्कूल वाहन को सैनिटाइज होने का प्रमाण पत्र प्राचार्य द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद बस के सामने लगाया जाए।


- बस में बैठने की व्यवस्था भी छह फीट की दूरी पर हो।


अभिभावकों के लिए सहयोग की अपील


- बच्चों के स्वस्थ होने पर ही स्कूल भेजें।


- बच्चों के स्वस्थ होने का घोषणा पत्र भी भेजें।


- सर्दी, जुकाम या अन्य कोई परेशानी होने पर स्कूल नहीं भेजें।


- बच्चों के यूनिफार्म, बैग व जूते-मोजे की साफ-सफाई का ध्यान रखें।


- घर पहुंचने पर कॉपी-किताब को छूने के बाद हाथ सैनिटाइज किया जाए।


- बच्चों को मास्क और ग्लब्स लगाकर भेजें।


- बच्चों के साथ सैनिटाइजर भी भेजें।


स्कूलों के संचालन के संबंध में गाइडलाइन तैयार कर स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए इस गाइडलाइन को पालन कराने की अनुशंसा की है। - ब्रजेश चौहान, सदस्य, बाल आयोग


 


 


 


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