जड़ों से जुड़ने की नई शिक्षा नीति

जन भारत संदेश भोपाल 01 सितम्बर 2020


भोपाल हाल ही में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एक्सप्रेस अड्डा में खास मेहमान थे और पहली खुशी मुझे हुई जब उनका परिचय शिक्षा मंत्री कह कर दिया गया । जो शिक्षा मंत्रालय हुआ करता था पहले भी, राजीव गांधी ने इसका नाम बदल कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय रखा । उन्होनें इस नए मंत्रालय के तहत एक शिक्षा नीति बनाई थी । जिसकी कोशिश सिर्फ़ यह थी। की कुछ सरकारी स्कूलों में ऐसा सुधार लाया जाय जिससे वे 'मिनी दून स्कूल ' बन जाए । इसलिए खुशी है 30 वर्ष बाद नई शिक्षा नीति मिली और पहला शिक्षा मंत्री भी । नई शिक्षा नीति में भारतीय बच्चों को भारतीय बनाने की कोशिश है और इसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम होगी। मातृभाषा में प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाई कराने का सुझाव है ,जो आवश्यक भी है और महत्वपूर्ण भी, क्योंकि फिलहाल इस देश के अधिकतर बच्चे बेजुबान बन कर निकलते है स्कूलों से। गौरतलब यह है कि नई शिक्षा नीति में बच्चों को पहले के बजाय और बेहतर शिक्षा मिलेगी और भारत फिर से विश्व गुरु बनने का सपना देख सकेगा  हरीश कुमार मिश्रा, (शिवम् मिश्रा) सगहन रीवा मध्यप्रदेश ।


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