संपादक - विवेक कुमार मिश्रा |
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बालाघाट | 19-अक्तूबर-2020 |
वर्तमान में कोरोना वायरस से जनित कोविड-19 रोग एक नवीन संक्रामक रोग है जिसके विषय में नित नये साक्ष्य प्राप्त हो रहे है। अत: नवीन साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुये शासन द्वारा समय–समय पर जारी प्रबंधन संबंधी दिशा निर्देशों का पालन किये जाने की अवश्यकता है। जिला आयुष अधिकारी डॉ. शिवराम साकेत ने बताया कि जिले में कुछ निजी कम्पनियों के कर्मचारियों एवं एजेंटों द्वारा बिना सक्षम अनुमति के सर्वे कार्य एवं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का भ्रामक प्रचार-प्रसार किये जाने की सूचना प्राप्त हो रही है, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है, साथ ही साथ जिले में नकली एवं अयोग्य चिकित्सक जो भारतीय चिकित्सा के चिकित्सकों (पेशेवर आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता के नियम ) नियम 1982 के प्रावधानों का उल्लंघन के खिलाफ नकली एवं अयोग्य एवं अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसाय करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ जांच कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किये जा चुके है । सर्वे कार्य एवं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का भ्रामक प्रचार-प्रसार करते पाये जाने पर दोषी व्यक्ति पर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी। जिला आयुष अधिकारी डॉ साकेत ने जिले की जनता से अपील की है कि एसे कोई भी व्यक्ति जो बिना सक्षम अनुमति के किसी भी निजी कम्पनी का सर्वे कार्य एवं आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी औषधियों के भ्रामक प्रचार-प्रसार का कार्य या अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसाय कर रहा हो तो कृपया सावधान रहें व संबंधित की जानकारी समीपवर्ती आयुष संस्था या जिला आयुष कार्यालय बालाघाट में देवें। |
बिना सक्षम अनुमति के सर्वे कार्य एवं आयुर्वेद पद्धति का भ्रामक प्रचार करने पर होगी दंडात्मक कार्यवाही